केंद्र ने झारखंड को माना मैदानी इलाका, आवास की राशि घटाई
घर के लिए लाभुकों को अब तक 1.30 लाख मिलती रही है राशि
10 हजार घटाकर लाभुकों को दिए जा रहे 1.20 लाख रुपये
दो वित्तीय वर्षों में प्रदेश में करीब साढ़े छह लाख आवास बनाना है
रांची: केंद्र सरकार के नजरिए से झारखंड पठारी क्षेत्र नहीं, बल्कि एक मैदानी क्षेत्र है। इस दृष्टिकोण के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के वितरण में राशि घटाई गई है। पहले झारखंड के लाभुकों को 1.30 लाख रुपये की राशि आवास निर्माण के लिए जाती थी, अब यह राशि घटाकर 1.20 लाख रुपये कर दी गई है। यह राशि उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में दी जा रही 1.30 लाख की राशि के बराबर थी। इसमें पहली किस्त की राशि 40 हजार, दूसरी किस्त की 75 हजार और तीसरी किस्त 5 हजार रुपये है।
अबुआ आवास योजना में लाभुकों को मिलती है दो लाख रुपये की धनराशि
अबुआ योजना अंतर्गत लाभुकों को दो लाख रुपये की राशि आवास निर्माण के लिए मिलती है। इस राशि से उन्हें स्थायी घर बनाने में मदद मिलती है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि कम होने से लोगों को कठिनाई होती है। दो वित्तीय वर्षों में राज्य को 3 लाख 46 हजार 200 नए आवास बनवाने हैं। अब तक 200 घर बन चुके हैं। लक्ष्य के अनुसार प्रतिदिन 1600 आवासों का निर्माण जरूरी है।
पूर्व में 1.30 लाख रुपये की राशि मिलती थी, अब यह घटकर 1.20 लाख रुपये हो गई है। इस मामले में ग्रामीण विकास मंत्री ने पत्र लिखा है, ताकि राशि में बढ़ोतरी हो।
– दिनेश यादव, डीडीसी, रांची
राशि घटने से लाभुकों को हो रही परेशानी
राशि घटने से लाभुकों को आवास निर्माण में परेशानी हो रही है। पहले 1.30 लाख रुपये की राशि मिलने से आवास बनाना थोड़ा आसान होता था। अब 10 हजार रुपये की कटौती ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। निर्माण सामग्री के दामों में बढ़ोतरी भी समस्या बढ़ा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4.19 लाख पीएमएवाई आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
आवास योजना की राशि बढ़ाई जाए
राज्य सरकार ने केंद्र से प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि बढ़ाने की मांग की है। ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में केंद्र को पत्र भेजा है, ताकि झारखंड को फिर से 1.30 लाख की राशि मिल सके। (ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार जानकारी)
Source :- Dj
