*मलेशिया में डुमरी युवक की मौत,परिजनों ने शव लाने के लिए सरकार से लगाई गुहार*
गिरिडीह
गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र के एक प्रवासी मजदूर उमेश सिंह(35) की मलेशिया में मौत हो गई।रविवार को सुबह में उसकी मौत होने की सूचना परिजनों को मिली,तब उनके होश उड़ गए।शनिवार रात 10 बजे ही युवक ने वीडियो कॉल से अपने परिजनों से बात की थी।परिजनों को क्या पता था कि सात घंटे बाद उन्हें उसकी मौत की खबर मिलेगी।रविवार सुबह उसकी मौत होने की सूचना परिजनों को मिली।मृतक डुमरी थाना क्षेत्र के चीनो निवासी चेतलाल सिंह के पुत्र हैं। वह मलेशिया में FGV कंपनी में काम करता था।उसकी मौत कैसे हुई इसकी जानकारी परिजनों को नहीं मिली है।वह परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। उमेश सिंह अपने पीछे पत्नी और किरन कुमारी (17), पूजा कुमारी(13)और बेटा पप्पू कुमार (15) को छोड़ गया है। घटना की खबर मिलते ही परिवार में मातम पसर गया है और गांव में भी शोक की लहर है।
*सरकार से शव लाने की अपील*
घटना के बाद प्रवासी हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकंदर अली ने मृतक के घर पहुंचकर गहरी संवेदना जताते हुए सरकार से मांग की है कि मृतक का शव जल्द से जल्द मलेशिया से लाया जाए। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी झारखंड के कई प्रवासी मजदूरों ने विदेशों में अपनी जान गंवाई है।गौरतलब है कि, झारखंड के हजारों मजदूर आजीविका की तलाश में विदेशों और अन्य राज्यों का रुख करते हैं, जहां उनके लिए हालात बेहद चुनौतीपूर्ण होते हैं। कुछ दिनों पूर्व में बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग जिले के सैकड़ो मजदूर मलेशिया और कैमरून में फंसे हुए थे। जिनकी वापसी बहुत ही मुश्किल से हो पाई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब तक झारखंड के युवा परदेस में जान गंवाते रहेंगे? ऐसे में सरकार को चाहिए कि राज्य में ही रोजगार की ठोस व्यवस्था करे, ताकि मजदूरों को पलायन के दर्द से बचाया जा सके।