गिरिडीह मे कांग्रेस को बड़ा झटका,भाजपा में शामिल हुई मंजू कुमारी
गिरिडीह
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पिछले बार कांग्रेस की उम्मीदवार रहीं मंजू देवी भाजपा में शामिल हो गई है और भाजपा प्रदेश कार्यालय में मंजू कुमारी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के सामने मंजू कुमारी देवी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. मंजू के भाजपा में शामिल होने के बाद जमुआ विधानसभा सीट को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. मंजू देवी के इस रुख के बाद कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. चूंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में मंजू देवी ने भाजपा प्रत्याशी सह वर्तमान विधायक केदार हाजरा को कड़ी टक्कर दी थी. पिछले चुनाव में केदार हाजरा को 58468 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली मंजू देवी को 40293 वोट मिले थे. मंजू हार गईं और भाजपा के केदार निर्वाचित हुए. अब विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले मंजू देवी के भाजपा में शामिल होने के बाद अटकलें तेज हो गई हैं वहीं कामेश्वर पासवान की मुश्किल बढ़ गया है वह आस लगाए हुए थे की इस बार मुझे ही जमुआ से भाजपा टिकट देगी लेकिन अब मंजू को जमुआ विधानसभा चुनाव में भाजपा का दावेदार माना जा रहा है.
क्या कहते हैं जिला अध्यक्ष
इस विषय पर भाजपा जिला अध्यक्ष महादेव दुबे ने बताया कि मंजू देवी की घर वापसी हो गई है. उन्होंने बताया कि मंजू देवी के पिता सुकर रविदास भाजपा से विधायक रह चुके हैं. सुकर रविदास भाजपा के पुराने सदस्य हैं. उनकी बेटी मंजू देवी कांग्रेस में चली गई थीं. अब वे घर वापस आ गई हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को मंजू ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के समक्ष पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. जमुआ से उम्मीदवार के सवाल पर भाजपा जिला अध्यक्ष ने कहा कि उम्मीदवार कौन होगा, इसका निर्णय भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व करेगा फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनता राज्य की भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार है और भाजपा को लोगों का समर्थन मिल रहा है.
पार्टी पर कोई असर नहीं: कांग्रेस कार्यकारी जिलाध्यक्ष
कांग्रेस के जिला कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया ने कहा कि सभी लोग अपना भविष्य तय करने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्हें जानकारी मिली है कि मंजू देवी ने पार्टी छोड़ दी है. उनके पार्टी छोड़ने से कांग्रेस की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा बल्कि और मजबूत होगा क्योंकि जनता कोंग्रेस पार्टी के साथ है. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जमुआ से मंजू देवी को मैदान में उतारा था. उस चुनाव में मंजू को भारी संख्या में वोट मिले थे, जो कांग्रेस के थे. मंजू इससे पहले भी कांग्रेस से इतर चुनाव लड़ चुकी हैं. 2014 में जब मंजू झारखंड विकास दल के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, तब उन्हें सिर्फ 2074 वोट मिले थे. ऐसे में मंजू के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन चर्चा का माहोल गर्म रहेगा।